Haryana की हर्षिता बनीं CDS में ऑल इंडिया टॉपर, जानिए कैसे पूरे परिवार ने उसे बनाया प्रेरणा की मिसाल

Haryana के हिसार जिले की ओपी जिंदल स्कूल में पढ़ी हर्षिता कादयान ने पूरे भारत में CDS परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल कर ली है। ओपी जिंदल स्कूल से पढ़ाई करने के बाद हर्षिता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास विषय में अपनी पढ़ाई पूरी की। CDS यानी कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज परीक्षा के नतीजों में हर्षिता की यह बड़ी सफलता पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। उनके स्कूल के शिक्षकों और दोस्तों ने भी इस पर खुशी जाहिर की है और उन्हें लगातार बधाइयां मिल रही हैं।
परिवार की पृष्ठभूमि और प्रेरणा
हर्षिता के पिता अशोक कादयान और मां किरण कादयान अंग्रेजी स्पोकन और IELTS की एकेडमी चलाते हैं। उनका परिवार मूल रूप से झज्जर जिले के डुबालधन गांव का रहने वाला है। हर्षिता के दादा रण सिंह PWD विभाग में अधीक्षक के पद से रिटायर्ड हैं और दादी ओमपति देवी सरकारी हिंदी अध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। हर्षिता के दादा का सपना था कि उनकी पोती एक गजटेड अधिकारी बने और उन्होंने ही उसे इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। परिवार का कहना है कि बचपन से ही हर्षिता के दिल में सेना की वर्दी के प्रति सम्मान था और वही जज्बा उसे यहां तक लेकर आया।
मेहनत और आत्मविश्वास की कहानी
हर्षिता का कहना है कि मेहनत और आत्मविश्वास ही उसकी सफलता की असली कुंजी रहे हैं। उन्होंने पढ़ाई के दौरान कई बार मुश्किलें देखीं लेकिन कभी हार नहीं मानी। CDS जैसी कठिन परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता क्योंकि इसमें लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार और शारीरिक परीक्षण जैसी कई प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। लेकिन हर्षिता ने पूरी तैयारी के साथ हर चरण में सफलता हासिल की। उनका कहना है कि उन्होंने अपने लक्ष्य को हमेशा अपने सामने रखा और इसी ने उन्हें हर कदम पर मजबूत बनाए रखा।
पूरे परिवार में खुशी और गर्व का माहौल
हर्षिता के परिवार में इस सफलता को लेकर जबरदस्त खुशी का माहौल है। उनके माता-पिता, दादा-दादी और रिश्तेदारों ने मिठाइयां बांटी और उनकी उपलब्धि का जश्न मनाया। स्कूल के शिक्षकों ने भी कहा कि हर्षिता हमेशा एक मेधावी और अनुशासित छात्रा रही है। हर्षिता का सपना अब भारतीय सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है और वह इसके लिए पूरी तरह तैयार है। उनके दादा ने भावुक होकर कहा कि यह पल उनके लिए सपने के सच होने जैसा है क्योंकि उन्होंने हमेशा अपनी पोती को ऊंचाइयों पर देखने की कामना की थी।